श्रीनगर बेकुंठ चतुर्दर्शी में रंगारंग कार्यक्रम की जोरदार प्रस्तुति हुई। जिसमें रुद्रप्रयाग जनपद से आए बच्छणस्यूॅ पट्टी के लोकनाट्य ग्रुप ने महाभारत कालीन ऐतिहासिक अनुष्ठानिक लोकनाट्य पाण्डवार्त दुरपदा स्वयंवर का मंचन किया। जिसको देखकर दर्शकों को पौराणिक संस्कृति से पुनः रुबरु हुए।राजा द्रुपद की सभा में राजकुमारी द्रौपदी का स्वयंवर रचाया जाता है।
जिसमें कौरव दल से कर्ण के द्वारा मत्स्य भेदने से रोका जाता है और कुंती पुत्र अर्जुन द्वारा मत्स्य भेद किया जाता है। द्रौपदी वरमाला अर्जुन को पहनाती है इस लोकनाट्य को गढ़वाली भाषा में मंचन किया गया। जिसके लेखक श्री अंकित रावत है। नगर निगम द्वारा सभी कलाकारों का साल भेट कर सम्मानित किया गया। लोकनाट्य मंचन में युधिष्ठिर की भूमिका में शेखर,भीम का अभिनय अभिनाश, कुंती शिवानी, द्रौपदी संध्या, रूपैणा दीक्षा, अर्जुन नितिन, नकुल प्रवीण, सहदेव अर्जुन राणा रहे।वही कौरव पक्ष में दुर्योधन मनीष बडोनी, दुशासन रितिक,कर्ण मदन राणा, शकुनि धर्म सिंह ने निभाई,नाटक के मंचन में गायन अंकित रावत, अंजलि,बीना देवी, कृष्णा रावत, अंकित कठैत रहे।दुरपद की भूमिका भरत पटवाल, एवं कृष्ण की भूमिका में आशुतोष रहे। समस्त कलाकार बंधुओं का धन्यवाद नगर निगम द्वारा किया गया।इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवाण, जिला व्यापार सभा अध्यक्ष वासुदेव कण्डारी, प्रकाश चमोली, जसपाल सिंह गुसाईं, प्रदीप नयाल व गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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